मै

"जीवन के हर विषम संघर्ष मे अगर परिणाम देखोगे तो तुम्हारा कल तुम्हारी सोच से उतना ही दुर हो जाएगा..जितना ओस की बुन्दो का ठहरावपन"..
दुर्गेश 'सोनी'

Wednesday 10 August 2011

फ़र्क

जिन्दगी तो बेरहम ये है...यहॉ अमीरी ओर गरीबी का ताल्लुक नही..
जहॉ दिखे है वीरान मे चूल्हे ओर दानो की फ़सल..वहा अलसुबह गगनचुम्बी मीनारो की नदिया बहा दो
यहॉ ताल्लुक है !
मीनारो की फ़र्श का दबी फ़सलो से
जो हर समय किनारो से एक दुजे को सच ओर झुठ के गर्व से देखते है .......
(युग परिवर्तन अभी दुर है)

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