मै

"जीवन के हर विषम संघर्ष मे अगर परिणाम देखोगे तो तुम्हारा कल तुम्हारी सोच से उतना ही दुर हो जाएगा..जितना ओस की बुन्दो का ठहरावपन"..
दुर्गेश 'सोनी'

Sunday 12 June 2011

?


जाति से दो बन्दिशो की आत्मा छुटी
सरहदो पे दो हाथो की लकीरे छुटी
मत पुछ  इस चमन मै क्या क्या छुटा
भूख से एक औरत की मर्यादा छुटी......
                   'सोनी'

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