मै

"जीवन के हर विषम संघर्ष मे अगर परिणाम देखोगे तो तुम्हारा कल तुम्हारी सोच से उतना ही दुर हो जाएगा..जितना ओस की बुन्दो का ठहरावपन"..
दुर्गेश 'सोनी'

Friday 24 June 2011

नसीब


मेरी शहादत को कुर्बानी का नाम यु आंसमा मे न जोडना
वरना मेरी जमी की मीट्टी की मेरी कब्र को नसीब न होगी
गर जला भी दो सुनसान रातो मे दियो की लौ मेरी बगावत पर
तो कुछ दिनो उन्हे तह भी देना...
बेशक़ अपनी जमी पे ना हु 
चिरागो मे तेरे शिकवे को आलम मे न बदल जाउ तो कह देना ||
          दुर्गेश 'सोनी' 

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