मै

"जीवन के हर विषम संघर्ष मे अगर परिणाम देखोगे तो तुम्हारा कल तुम्हारी सोच से उतना ही दुर हो जाएगा..जितना ओस की बुन्दो का ठहरावपन"..
दुर्गेश 'सोनी'

Thursday 7 July 2011

ठीकाने

नजरे अगर आपस मे मिल जाए
तो क्यु न ये गुनाह भी हो जाए
तु अपने ठीकाने को फ़रिश्ता-ए-गुल मे रख
मेरा जनाजा तेरी बक्शीस को आता ही होगा..
'सोनी'

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