मै

"जीवन के हर विषम संघर्ष मे अगर परिणाम देखोगे तो तुम्हारा कल तुम्हारी सोच से उतना ही दुर हो जाएगा..जितना ओस की बुन्दो का ठहरावपन"..
दुर्गेश 'सोनी'

Thursday 7 July 2011

पत्ते

जीवन का मतलब इक औरत ने यु बतलाया
कभी फ़ुलो से बनी थी
फ़ुलो को कही ओर ले जाया गया
उस आंगन को खुशबु से महकाया गया
दो चार जो पत्ते झड गये थे
गुथा गया मरोडा गया सुखा गया
अजब संघर्षो का ये विराम कभी न रुका
अन्त मे उस माली के हाथ कही ओर "बेचा" गया
दुर्गेश 'सोनी
'

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